पेरिस ओलंपिक 2024 के सिल्वर मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा की कहानी
By EXAM JOB EXPERT Published: September 13, 2024
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का परिश्रम और जोश सातवें आसमान पर है, विभिन्न खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हर खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा है। इसी कड़ी में नीरज चोपड़ा ने जैवलीन थ्रो में भारत की ओर से रजत पदक को अपने नाम किया, हालाँकि इस खेल में वह स्वर्ण पदक से थोड़ा चूक गए। पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा को रजत पदक मिलने पर देशभर में खुशी की लहर को महसूस किया जा सकता है। भारत के जैवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं। कम उम्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है, जिससे वे आज हर खिलाड़ी की प्रेरणा बन चुके हैं। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि कैसे टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में जीता रजत पदक। साथ ही आपको इस ब्लॉग में नीरज चोपड़ा के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगा।
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पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा ने जीता सिल्वर मेडल
पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीतकर हर भारतीय को गौरवांवित किया है, हालाँकि इस खेल में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। बता दें कि नीरज चोपड़ा ने 89.45 मीटर थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता है, जो कि पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का पहला सिल्वर मेडल है। पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीतने के बाद उन्हें देश के प्रधानमंत्री से लेकर कई मशहूर हस्तियों ने सिल्वर मेडल जीता है।
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शुरुआती जीवन
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में हुआ था। उनका परिवार कृषि से जुड़ा हुआ है। नीरज के पिता सतीश कुमार एक किसान हैं और उनकी मां सरोज देवी गृहिणी हैं। नीरज के दो बहनें हैं। बचपन से ही नीरज का झुकाव खेलों की तरफ था, लेकिन उनका वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें अक्सर उनके परिवार वाले और आसपास के लोग वजन घटाने की सलाह देते थे। इसी वजह से उन्हें दौड़ने और खेल गतिविधियों की तरफ आकर्षित किया गया।
नीरज ने अपनी खेल यात्रा की शुरुआत 11 साल की उम्र में की, जब वे पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में दौड़ लगाने के लिए जाते थे। वहां उन्होंने पहली बार भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) खेल को देखा और इसमें उनकी रुचि जागी। इसके बाद, उन्होंने कोच जयवीर चौधरी से भाला फेंक की तकनीक सीखी और अपनी क्षमता को विकसित किया।
नीरज की लगन और मेहनत ने उन्हें जल्दी ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। 2016 में, उन्होंने अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और उसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2021 टोक्यो ओलंपिक्स में नीरज ने भारत के लिए एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
यहां तक ली शिक्षा
नीरज चोपड़ा ने अपनी शुरुआती शिक्षा हरियाणा के पानीपत जिले से प्राप्त की। उनकी स्कूली शिक्षा के दौरान खेलों में उनकी रुचि बनी रही, लेकिन खेल में सक्रिय होने के कारण उनकी औपचारिक शिक्षा पर उतना ध्यान नहीं था। फिर भी, उन्होंने खेल और पढ़ाई दोनों में संतुलन बनाए रखा।
नीरज ने बाद में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज (DAV College) से स्नातक की पढ़ाई की। खेल में सफलता प्राप्त करने के बाद भी उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी। नीरज चोपड़ा ने इंडियन आर्मी जॉइन की थी, जहां उन्हें सूबेदार के पद पर नियुक्त किया गया। सेना में रहते हुए उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और शिक्षा दोनों को जारी रखा।
खेल और शिक्षा के बीच संतुलन बनाते हुए नीरज ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से न सिर्फ खेल में बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी खुद को स्थापित किया।
यह हैं नीरज के कोच
नीरज चोपड़ा के करियर में उनके कोचों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके प्रशिक्षण के विभिन्न चरणों में उन्हें अलग-अलग कोचों से मार्गदर्शन मिला, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम निम्नलिखित हैं:
जयवीर चौधरी: नीरज चोपड़ा के पहले कोच जयवीर चौधरी थे, जिन्होंने पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में उन्हें भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) की तकनीक सिखाई। यहीं से नीरज ने इस खेल में अपनी बुनियादी प्रशिक्षण की शुरुआत की।
नसीम अहमद: नीरज ने ताऊ देवी लाल स्टेडियम, पंचकुला में कोच नसीम अहमद से भी प्रशिक्षण लिया। यहां उन्होंने अपनी तकनीक और फिजिकल फिटनेस को और निखारा।
गैरी कैल्वर्ट: नीरज के करियर में एक बड़ा मोड़ तब आया जब ऑस्ट्रेलियाई कोच गैरी कैल्वर्ट ने उन्हें ट्रेन किया। उनके मार्गदर्शन में नीरज ने 2016 में अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और 86.48 मीटर का रिकॉर्ड बनाया।
उवे होन: नीरज के जर्मन कोच उवे होन दुनिया के पहले जैवलिन थ्रोअर हैं जिन्होंने 100 मीटर से ज्यादा दूरी पर भाला फेंका था। उवे होन ने नीरज की तकनीक में गहराई से सुधार किया और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए तैयार किया।
क्लाउस बार्टोनिट्ज़: टोक्यो ओलंपिक्स से पहले नीरज का प्रशिक्षण जर्मन कोच क्लाउस बार्टोनिट्ज़ के निर्देशन में हुआ। क्लाउस ने नीरज की बायोमैकेनिकल तकनीक पर ध्यान केंद्रित किया और ओलंपिक की तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कोचिंग के तहत नीरज ने 2021 के टोक्यो ओलंपिक्स में स्वर्ण पदक जीता।
शानदार रहा करियर
नीरज चोपड़ा का करियर बेहद शानदार और प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण और जुनून से न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना नाम स्थापित किया है। उनकी करियर की कुछ मुख्य उपलब्धियां और माइलस्टोन्स इस प्रकार हैं:
1. शुरुआती सफर:
नीरज ने अपने खेल करियर की शुरुआत 11 साल की उम्र में की थी, जब वे पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में अभ्यास करते थे। धीरे-धीरे उनकी प्रतिभा और क्षमता को पहचान मिली, और उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया।
2. अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप (2016):
नीरज चोपड़ा ने 2016 में पोलैंड में आयोजित IAAF अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता। इसी प्रदर्शन के दौरान उन्होंने जूनियर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया, जो उनके करियर का पहला बड़ा मोड़ साबित हुआ।
3. एशियाई खेल और राष्ट्रमंडल खेल (2018):
2018 नीरज के लिए विशेष साल रहा। उन्होंने:
- राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता, जहां उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 86.47 मीटर का था।
- एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता, जहाँ उन्होंने 88.06 मीटर का भाला फेंका, जो उस समय उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
4. टोक्यो ओलंपिक्स 2020 (2021 में आयोजित):
नीरज चोपड़ा ने 2021 के टोक्यो ओलंपिक्स में 87.58 मीटर का थ्रो कर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। यह भारत के लिए एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक था, जिसने नीरज को एक राष्ट्रीय हीरो बना दिया।
5. वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप (2023):
2023 में, नीरज चोपड़ा ने बुडापेस्ट में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता। इस खिताब के साथ नीरज वर्ल्ड चैंपियन और ओलंपिक चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय एथलीट बने।
6. डायमंड लीग फाइनल्स:
नीरज ने 2022 में डायमंड लीग फाइनल्स में भी जीत दर्ज की, जो किसी भारतीय द्वारा इस प्रतिष्ठित सीरीज में पहली जीत थी। उन्होंने 88.44 मीटर के थ्रो के साथ यह खिताब अपने नाम किया।
7. नेशनल रिकॉर्ड:
नीरज ने भारत के लिए कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें से उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 2022 में स्टॉकहोम डायमंड लीग में 89.94 मीटर का था, जो कि उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है।
8. सम्मान और पुरस्कार:
- अर्जुन पुरस्कार (2018)
- विषिष्ट सेवा पदक (2020)
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2021) – भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान
9. भारतीय सेना में योगदान:
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना के राजपूताना राइफल्स में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं। सेना में रहते हुए उन्होंने न केवल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया।
नीरज के बनाए रिकार्ड्स
- 2012 – लखनऊ में आयोजित अंडर 16 नेशनल जूनियर चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने 68.46 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
- 2013 – नेशनल यूथ चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा ने दूसरा स्थान हासिल किया था और उसके बाद उन्होंने आईएएएफ वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में भी पोजिशन बनाई थी।
- 2015 – नीरज चोपड़ा ने इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में 81.04 मीटर थ्रो फेंककर एज ग्रुप का रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
- 2016 – नीरज चोपड़ा ने जूनियर विश्व चैंपियनशिप में 86.48 मीटर भाला फेंक कर नया रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल हासिल किया था।
- 2016 – नीरज चोपड़ा ने दक्षिण एशियाई खेलों में पहले राउंड में ही 82.23 मीटर की थ्रो फेंककर गोल्ड जीता।
- 2018 – गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ खेल में नीरज चोपड़ा ने 86.47 मीटर भाला फेंक कर एक और गोल्ड मेडल हासिल किया।
- 2018 – नीरज चोपड़ा ने जकार्ता एशियन गेम में 88.06 मीटर भाला फेका और गोल्ड मेडल जीत देश का सीना गर्व से चौड़ा किया।
- 2020 – नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर की थ्रो के साथ भारत के लिए जैवलीन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता।
- 2022 – नीरज चोपड़ा ने यूजीन में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 88.13 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
- 2022 – नीरज चोपड़ा ने लोज़ेन में आयोजित डायमंड लीग फाइनल में 89.08 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता।
- 2023 – नीरज चोपड़ा ने एशियाई चैंपियनशिप के साथ 87.67 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था।
- 2024 – नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में 89.45 मीटर की थ्रो के साथ रजत पदक जीता।
टोक्यो ओलंपिक में जीता था गोल्ड मेडल
नीरज चोपड़ा ने 2020 के टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता था। यह ओलंपिक 2021 में आयोजित हुआ था क्योंकि COVID-19 महामारी के कारण इसे एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
टोक्यो ओलंपिक 2020 की मुख्य बातें:
- तारीख: नीरज चोपड़ा ने 7 अगस्त 2021 को जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में हिस्सा लिया।
- थ्रो की दूरी: नीरज ने 87.58 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया।
- पदक: नीरज ने जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता, जिससे वह भारत के पहले ओलंपिक एथलेटिक्स स्वर्ण पदक विजेता बन गए।
- महत्व: यह भारत के ओलंपिक इतिहास का दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक था, इससे पहले 2008 में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीता था।
ओलंपिक में नीरज का प्रदर्शन:
नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो किया और दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर तक पहुँच गए, जो कि उनके सबसे अच्छे थ्रो के रूप में रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद किसी अन्य प्रतियोगी ने उन्हें पीछे नहीं छोड़ा। उनके इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने उन्हें न केवल स्वर्ण पदक दिलाया बल्कि भारत के एथलेटिक्स इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी स्थापित किया।
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने पर बढ़ा था सम्मान
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी पहचान और सम्मान प्राप्त किया। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने उन्हें भारत का सबसे चर्चित और सम्मानित एथलीट बना दिया। टोक्यो ओलंपिक में उनकी इस सफलता के बाद उन्हें कई तरह के पुरस्कारों, सम्मानों और विशेष उपाधियों से नवाजा गया।
1. सम्मान और पुरस्कार:
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2021): नीरज को भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार किसी भी एथलीट को उसकी असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
- अर्जुन पुरस्कार: नीरज को पहले ही 2018 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका था, जो खेल क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है।
- विशिष्ट सेवा पदक (VSM): भारतीय सेना ने नीरज को उनकी उपलब्धियों के लिए विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया।
2. वित्तीय पुरस्कार:
- हरियाणा सरकार: हरियाणा सरकार ने नीरज चोपड़ा को उनकी स्वर्णिम उपलब्धि के लिए 6 करोड़ रुपये का पुरस्कार और क्लास 1 सरकारी नौकरी देने की घोषणा की।
- पंजाब सरकार: पंजाब सरकार ने नीरज को 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।
- भारतीय ओलंपिक संघ (IOA): IOA ने नीरज चोपड़ा को 75 लाख रुपये का इनाम दिया।
- BCCI: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी नीरज को 1 करोड़ रुपये का नकद इनाम दिया।
3. विशेष उपाधियाँ और पहचान:
- भारतीय सेना में प्रमोशन: टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद, नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में सूबेदार के पद से ऊँचा सम्मान दिया गया। सेना ने उन्हें सम्मानित प्रमोशन भी दिया।
- राष्ट्रीय नायक: नीरज चोपड़ा की ओलंपिक जीत ने उन्हें एक राष्ट्रीय नायक बना दिया। उनकी इस जीत ने पूरे देश में गर्व और खुशी का माहौल पैदा कर दिया और वे भारत के सबसे सम्मानित और प्रेरणादायक खिलाड़ियों में से एक बन गए।
4. समारोह और सम्मान कार्यक्रम:
- नीरज की टोक्यो से वापसी पर भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों ने उनके सम्मान में कई भव्य कार्यक्रम आयोजित किए। इन समारोहों में उन्हें विशिष्ट सम्मान, पुरस्कार और पदक प्रदान किए गए।
- उन्हें कई प्रमुख संस्थानों और संगठनों द्वारा ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया और उनका नाम कई सामाजिक और राष्ट्रीय अभियानों से जोड़ा गया।
5. लोकप्रियता और मीडिया में छवि:
- नीरज की जीत के बाद, वे सोशल मीडिया और अन्य मीडिया प्लेटफार्मों पर अत्यधिक लोकप्रिय हो गए। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी को देशभर के युवा एथलीटों के लिए एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया गया।
- उनके इस शानदार प्रदर्शन ने भारत में एथलेटिक्स के प्रति रुचि को भी बढ़ावा दिया, और वे नए युवा खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल बन गए।
टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने न केवल अपने करियर में बल्कि भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। उनकी इस सफलता ने उन्हें भारत के महानतम एथलीटों की सूची में शामिल कर दिया।
टोकियो ओलंपिक जीतने पर मिली थी वाहवाही
नीरज चोपड़ा को टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतने के बाद जबरदस्त वाहवाही और प्रशंसा मिली थी। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल भारतीय खेल जगत में बल्कि पूरे देश में एक नई ऊर्जा और गर्व की लहर पैदा की। यहाँ टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद नीरज को मिली सराहना और प्रतिक्रिया का विवरण दिया गया है:
1. राष्ट्रीय गर्व:
- नीरज चोपड़ा की जीत के साथ, भारत ने एथलेटिक्स में अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। यह जीत भारत के ओलंपिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई और हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बना।
- नीरज की इस उपलब्धि को पूरे देश ने बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया। विभिन्न शहरों में जश्न मनाया गया, लोग सड़कों पर उतरकर इस ऐतिहासिक पल का जश्न मना रहे थे।
2. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की बधाई:
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीरज चोपड़ा को बधाई दी और उनकी मेहनत, समर्पण और साहस की सराहना की। उन्होंने नीरज की इस जीत को “नए भारत की आत्मनिर्भरता और साहस का प्रतीक” कहा।
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी नीरज को बधाई दी और इसे भारत के एथलेटिक्स में एक नया स्वर्णिम युग बताया।
3. सेलिब्रिटी और खेल जगत की बधाई:
- नीरज चोपड़ा की जीत पर कई बॉलीवुड सितारों, क्रिकेटर्स, और अन्य खेल हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर बधाइयाँ दीं।
- सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, मिल्खा सिंह की बेटी, अभिनव बिंद्रा, और कई अन्य खेल जगत की हस्तियों ने नीरज की इस ऐतिहासिक जीत पर उनकी सराहना की।
- बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, और अक्षय कुमार समेत कई सितारों ने उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी।
4. सोशल मीडिया पर धमाल:
- नीरज चोपड़ा की जीत के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें लेकर लाखों ट्वीट और पोस्ट किए गए। उनका नाम उस समय के टॉप ट्रेंड में शामिल रहा।
- उनके बारे में #NeerajChopra, #GoldenBoy, #OlympicGold जैसे हैशटैग्स तेजी से ट्रेंड हुए।
- नीरज चोपड़ा के इंस्टाग्राम फॉलोअर्स भी इस जीत के बाद तेजी से बढ़े, और वे रातों-रात सोशल मीडिया पर सुपरस्टार बन गए।
5. भारतीय सेना में सम्मान:
- नीरज चोपड़ा को उनकी इस उपलब्धि के लिए भारतीय सेना ने विशेष सम्मान दिया। सेना ने उनकी ओलंपिक जीत के बाद उन्हें और ऊँचे सम्मान के साथ नवाजा, जिससे सेना के भीतर भी गर्व का माहौल बना रहा।
6. गांव और राज्य में उत्सव:
- नीरज के हरियाणा के खांद्रा गांव में उनकी जीत के बाद उत्सव का माहौल था। उनके परिवार, गांववासियों, और राज्य के लोगों ने इसे बड़े धूमधाम से मनाया।
- हरियाणा सरकार ने नीरज के सम्मान में कई पुरस्कारों और वित्तीय मदद की घोषणा की। इसके साथ ही हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य का गौरव बताया।
7. मीडिया में सराहना:
- भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने नीरज चोपड़ा की जीत को एथलेटिक्स में भारत का नया सूर्योदय कहा।
- अखबारों, टीवी चैनलों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर नीरज की उपलब्धियों की जमकर चर्चा हुई और उनके संघर्षों और सफलता की कहानियाँ व्यापक रूप से प्रसारित की गईं।
8. प्रेरणा स्रोत:
- नीरज चोपड़ा की इस जीत ने पूरे देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का काम किया। उन्होंने यह साबित किया कि अगर लगन, मेहनत, और समर्पण हो, तो कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।
- उनकी यह उपलब्धि उन खिलाड़ियों के लिए भी एक प्रेरणा बनी जो छोटे कस्बों और गांवों से आते हैं, यह दिखाते हुए कि दुनिया के सबसे बड़े मंच पर भी वे चमक सकते हैं।
नीरज चोपड़ा की यह जीत भारतीय खेल इतिहास में एक यादगार पल के रूप में दर्ज हो गई और उन्हें हर तरफ से जबरदस्त वाहवाही और प्रशंसा मिली।
पुरस्कारों के हक़दार
वर्ष | पुरस्कार |
2012 | राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप गोल्ड मेडल |
2013 | राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप सिल्वर मेडल |
2016 | तीसरा विश्व जूनियर अवार्ड |
2016 | एशियाई जूनियर चैंपियनशिप रजत पदक |
2017 | एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप गोल्ड मेडल |
2018 | एशियाई खेल चैंपियनशिप स्वर्ण गौरव |
2018 | अर्जुन पुरस्कार |
2021 | मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार |
2022 | पद्म श्री |
FAQs
1. नीरज चोपड़ा कौन हैं?
- नीरज चोपड़ा एक भारतीय जैवलिन थ्रोअर (भाला फेंक खिलाड़ी) हैं, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता।
2. नीरज चोपड़ा का जन्म कब और कहाँ हुआ?
- नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में हुआ था।
3. नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में कौन सा पदक जीता था?
- नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता था। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर का था।
4. नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो क्या है?
- नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.94 मीटर है, जिसे उन्होंने 2022 स्टॉकहोम डायमंड लीग में किया था। यह उनके करियर का अब तक का सबसे लंबा थ्रो और भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है।
5. नीरज चोपड़ा को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
- नीरज चोपड़ा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार (2021)
- अर्जुन पुरस्कार (2018)
- विशिष्ट सेवा पदक (VSM) (2020)
6. नीरज चोपड़ा की ट्रेनिंग किसके तहत होती है?
- नीरज चोपड़ा की ट्रेनिंग क्लॉस बार्टोनिट्ज (जर्मनी के जैवलिन कोच) के तहत हुई है। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय और विदेशी कोचों के मार्गदर्शन में भी अपनी क्षमताओं को निखारा है।
7. नीरज चोपड़ा का ओलंपिक में थ्रो कितना था?
- टोक्यो ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा का स्वर्ण पदक विजेता थ्रो 87.58 मीटर था, जो उन्हें प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए पर्याप्त था।
8. नीरज चोपड़ा की ओलंपिक जीत का भारत के लिए क्या महत्व है?
- नीरज चोपड़ा की ओलंपिक जीत ने भारत के एथलेटिक्स इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा, क्योंकि यह भारत का एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक था।
9. नीरज चोपड़ा किस रेजिमेंट में हैं?
- नीरज चोपड़ा भारतीय सेना की राजपूताना राइफल्स में सूबेदार के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें 2016 में सेना में शामिल किया गया था।
10. नीरज चोपड़ा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले कब जीत हासिल की?
- नीरज चोपड़ा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले 2016 IAAF वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जिसमें उन्होंने 86.48 मीटर के थ्रो के साथ जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
11. नीरज चोपड़ा की शिक्षा कहाँ तक है?
- नीरज चोपड़ा ने चंडीगढ़ के DAV कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई की। इसके साथ ही, उन्होंने खेल में करियर बनाने के लिए अपनी शिक्षा को संतुलित किया।
12. नीरज चोपड़ा को टोक्यो ओलंपिक के बाद क्या सम्मान मिला?
- टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद नीरज को 6 करोड़ रुपये की नकद राशि, हरियाणा सरकार द्वारा क्लास-1 अधिकारी की नौकरी और कई अन्य वित्तीय पुरस्कार मिले।
13. नीरज चोपड़ा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड क्या है?
- नीरज चोपड़ा का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 89.94 मीटर है, जिसे उन्होंने 2022 में स्टॉकहोम डायमंड लीग में बनाया था।
14. नीरज चोपड़ा की सबसे बड़ी प्रेरणा कौन है?
- नीरज चोपड़ा ने कई बार मिल्खा सिंह और अभिनव बिंद्रा को अपनी प्रेरणा के रूप में नामित किया है। उनकी कठिनाइयों और संघर्ष ने नीरज को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।